पूजा भट्‌ट का बयान: मैं सीएए और एनआरसी का समर्थन नहीं करती क्योंकि यह मेरे घर को तोड़ता है

सीएए-एनआरसी के समर्थन और विरोध का दौर पूरे देश में चल रहा है। सोमवार को मुंबई में पूजा भट्‌ट ने भी इस कानून के विरोध में बयान दिया। पूजा कहना है कि उनका घर पूरे हिंदुस्तान और देशभक्ति का उदाहरण है। अगर यह कानून उनके घर को तोड़ता है तो वे इसका समर्थन नहीं करती हैं। पूजा CAA-NRC के लिए जागरूकता के लिए प्रचम फाउंडेशन की कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं। 



पूजा ने अपनी फैमिली के बारे में भी बताया:  इस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूजा ने अपने ग्रैंड पैरेंट्स के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा :


मेरी पैदाइश मुंबई में हुई। मेरी मां क्रिश्चियन हैं। मेरे ग्रैंडफादर नाना भाई भट्‌ट ब्राह्मण थे। मेरी ग्रैंडमदर शिरीन मुस्लिम थीं। पारसी स्कूल में पढ़ी हूं। मैं किसी इंसान को यह अनुमति नहीं दे सकती हूं जो ये कहेंगे मैं किससे प्यार करूं और किससे नहीं। किसके आगे सिर झुकाऊं और किसके आगे नहीं। मेरा मानना है कि मेरा घर देशभक्ति का सबसे अच्छा उदाहरण है।  हम अपने घर में मां-बाप से भी बात करते थे। हमारी बात सही होती थी तो सुनी जाती थी। यही तो होता है न घर। क्या हिंदुस्तान हमारा घर नहीं है। अगर हमें सरकार से कोई शिकायत है तो क्या हमें देशद्रोही कहा जाएगा या सरकार हमारी बात सुनेगी। सरकार को मेरा धन्यवाद है कि वे हमें एक साथ लाए हैं, उन्होंने हमें डिवाइड नहीं किया है। यह एकता पिछले 5-6 साल से मिसिंग थी। लोग डरे हुए थे। ट्वीट करने से पहले मैं भी सोचती थी कि मैं बोलूं या नहीं। फिर मैंने कहा- मेरा देश है, मेरे लोग हैं। अगर मैं अपने घर में झगड़ा नहीं करूंगी, सवाल नहीं करूंगी तो कहां जाऊंगी।   लोग कहते हैं पाकिस्तान जाओ, हां जाऊंगी छुट्टी मनाने। वीजा लेकर। मेरे दोस्त हैं वहां, हमको बहुत प्यार मिलता है। वहां भी ऐसे ही अजीब लोग हैं जो पूछते हैं कि क्यों आए हो। किसी ने पूछा था कि स्टूडेंट के लिए क्या संदेश है जो प्रदर्शन कर रहे हैं। हम इतने एरोगेंट नहीं हो सकते। स्टूडेंट ने हमें सिखा दिया है कि अभी भी समय है जाग जाओ।  मैं लीडर्स से अपील करती हूं कि इस आवाज को सुनिए। ये जो आवाज उठी है उसे नकारा नहीं जा सकता है। स्टूडेंट्स ने हमें बता दिया है। देश की औरतें शाहीन बाग, लखनऊ या हर जगह प्रदर्शन कर रही हैं, आपने हर औरत के अंदर बैठी उस देवी का जगा दिया है।  जब तक हमारी आवाज नहीं सुनी जाती, तब तक हम रुकेंगे नहीं। मैं इस आवाज को और तेज करने की अपील करती हूं। मैं सीएए और एनआरसी का समर्थन नहीं करती क्योंकि यह मेरे घर को तोड़ता है।

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